Friday, July 19, 2019

बिहारः छपरा में तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्याः दिन की बड़ी ख़बरें

बिहार के सारण (छपरा) ज़िले में गुरुवार की देर रात तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी. मृतकों की पहचान कर ली गयी है जिनके नाम नौशाद कुरैशी, राजू नट और विदेशी नट हैं.

यह घटना ज़िले के बनियापुर थाना अंतर्गत पिठौरी नंदलाल टोला गाँव में हुई. ग्रामीणों ने तीनों मृतकों पर मवेशी चोरी करने का आरोप लगाया है.

इस संबंध में छपरा के पुलिस अधीक्षक हरिकिशोर राय ने माबलिंचिंग की किसी घटना से इंकार किया और कहा, "तीनों मृतक गाँव में भैंस चोरी कर रहे थे. इसी दौरान घर वालों की नींद खुल गयी और तीनों को पकड़ कर उनके साथ मारपीट की गयी. इलाज के क्रम में तीनों की मौत हो गयी. मामले में तीन लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है."

उत्तर प्रदेश में सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को गिरफ़्तार किया गया है.

प्रियंका गांधी ने एएनआई से बातचीत में कहा, "गिरफ़्तार किया गया है. हमें कुछ भी कर लें, हम नहीं झुकेंगे. हम यहां शांतिपूर्वक पीड़ित परिवारों से मिलने आए हैं."

सोनभद्र में 10 लोगों की हत्या के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पीड़ित परिवारों से मिलने जा रही थीं.

इस मामले में बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती जैसे नेताओं के नाम हैं.

जस्टिस जस्टिस रोहिंटन फाली नरीमन की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की डिविजन बेंच ने साथ ही सितंबर में रिटायर हो रहे जज का कार्यकाल बढ़ाने का निर्देश भी दिया है.

इस मामले की सुनवाई कर रहे ट्रायल कोर्ट के सीबीआई जज एसके यादव 30 सितंबर 2019 को रिटायर हो रहे हैं.

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दे कर कहा था कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता होगी.

बेंगलुरू के लेडी कर्ज़न रोड पर स्थित मंसूर ख़ान के आईएमए गोल्ड में सैकड़ों लोगों ने निवेश किये हैं और यह दफ़्तर जून में रमज़ान के बाद से बंद है.

उनकी कंपनी बुनियादी ढांचा, गोल्ड, फ़िक्स डिपॉज़िट, रियल इस्टेट, फ़ार्मास्युटिकल्स आदि में अपने पैसे लगाती थी.

न्यूज़ एजेंसी एएनआई को एसआईटी प्रमुख रविकांत गौड़ा ने बताया कि आईएमए के संस्थापक-मालिक मोहम्मद मंसूर ख़ान को दुबई से भारत वापस आने और ख़ुद को क़ानून के सामने पेश करने के लिए राज़ी किया गया. इसके बाद उन्हें दुबई से दिल्ली लाया गया है और पूछताछ चल रही है.

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार, मंसूर ख़ान को गिरफ़्तार करने के बाद ईडी उनसे एमटीएनएल बिल्डिंग में स्थित अपने दफ़्तर में पूछताछ के लिए ले गयी है.

मायावती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये कहा, "बीजेपी को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. अगर वे सोचते हैं कि वे बहुत ईमानदार हैं तो इसकी जांच होनी चाहिए कि राजनीति में आने से पहले उनके (बीजेपी नेताओं) परिवार की संपत्ति कितनी थी और वह संपत्ति अब कितनी है? ताकि देश के सामने सबकुछ साफ़ हो सके."

मायावती ने कहा, "मैं पूछना चाहती हूं कि जब से बीजेपी सत्ता में आई है तब से पूरे देश में अरबों रुपये की संपत्ति पार्टी दफ़्तर के लिए ख़रीदी है. यह पैसे कहां से आये. क्या यह बेनामी संपत्ति नहीं है. इसका भी खुलासा होना चाहिए."

मायावती ने कहा, "बीजेपी, आरएसएस जातिवादी हैं. वे शिक्षा, व्यवसाय और अन्य क्षेत्रों में दलितों और अन्य पिछड़े वर्गों का विकास नहीं देखना चाहते हैं. वे इसके लिए विभिन्न तरीकों से समस्या पैदा कर रहे हैं लेकिन हमारी पार्टी इन लोगों के विकास का काम कर रही है."

उन्होंने कहा, "दलित, आदिवासी आदि को इनसे घबराना नहीं चाहिए. अगर किसी के साथ भी ज़्यादती होगी तो हमारी पार्टी पीछे नहीं हटेगी और इंसाफ़ दिलाएगी."

इससे पहले मायावती ने ट्वीट कर लिखा था, "बीजेपी केन्द्र की सत्ता का अभी भी दुरुपयोग कर अपने विपक्षियों को षड्यंत्र के तहत जबरन फर्जी मामलों में फंसाकर उन्हें प्रताड़ित कर रही है. इसी क्रम में अब मेरे भाई-बहनों आदि को भी जबरदस्ती परेशान किया जा रहा है, जो अति-निन्दनीय है. लेकिन इससे बीएसपी डरने व झुकने वाली नहीं है."

उन्होंने लिखा, "ऐसी ही घिनौनी हरकत इसी पार्टी की सरकार ने 2003 में भी आयकर और सीबीआई आदि के जरिए हमारे विरूद्ध की थी, जो सर्वविदित है, जिसमें फिर हमें अन्त में काफ़ी संघर्ष के बाद माननीय सुप्रीम कोर्ट में न्याय मिला."

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