Monday, December 17, 2018

कमलनाथ बने मप्र के 18वें मुख्यमंत्री, किसानों की कर्जमाफी की फाइल पर किए दस्तखत

कमलनाथ ने सोमवार को मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दोपहर 2:30 बजे उन्हें शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के अलावा 10 अन्य दलों के नेता मौजूद रहे। वहीं, 4 पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बाबूलाल गौर, दिग्विजय सिंह और कैलाश जोशी भी मंच पर मौजूद थे। कमलनाथ ने सीएम बनने के बाद सबसे पहले किसानों की कर्जमाफी की फाइल पर दस्तखत किए।

खुशी के साथ मुझे चिंता और बेचैनी भी: कमलनाथ

कमलनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमने किसानों का कर्ज माफ कर दिया। कन्या विवाह योजना की सहयोग राशि बढ़ा दी है। इसे 28 हजार से बढ़ाकर 51 हजार कर दिया गया है। हम चार गारमेंट पार्क बनाएंगे। जनता को स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार कैसे दे पाएंगे, इस पर तेजी से काम करना है। बहुत सारी योजनाएं ऐसी हैं, जिनका डिलिवरी सिस्टम खराब है और लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। खुशी एक तरफ है सीएम बनने की, लेकिन पहले दिन से ही बहुत काम है। मुझे बेचैनी और चिंता भी है कि हम किस तरह से मध्यप्रदेश के लोगों की आशाओं पर खरा उतरेंगे।

दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ
कमलनाथ सरकार के पहले फैसले के तहत उन किसानों को कर्जमाफी का फायदा मिलेगा, जिन्होंने राज्य में स्थित सहकारी या राष्ट्रीयकृत बैंकों से शॉर्ट टर्म लोन लिया है। ऐसे किसानों का 31 मार्च 2018 की स्थिति के अनुसार 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ होगा। इसका फायदा राज्य के 21 लाख किसानों को मिल सकता है। वहीं, राज्य सरकार के खजाने पर 15 हजार करोड़ रुपए का भार आ सकता है। वैसे 30 सितंबर 2018 की स्थिति के मुताबिक राज्य के 40 लाख किसानों का 57 हजार करोड़ रुपए का कृषि ऋण बकाया है।

कमलनाथ-सिंधिया ने थामा शिवराज का हाथ

शपथ ग्रहण से पहले कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवराज का हाथ थामा। इससे पहले शिवराज और दिग्विजय सिंह ने कैलाश जोशी के पैर छुए। शिवराज ने राकांपा प्रमुख शरद पवार और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला से भी हाथ मिलाया।

राजस्थान के नए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी जयपुर में शपथ लेने के बाद कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ भोपाल पहुंचे। कमलनाथ के शपथ ग्रहण में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राजीव शुक्ला, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, मंत्री डी शिवकुमार, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी, आनंद शर्मा, राज बब्बर, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा, उनके बेटे और सांसद दीपेंदर हुड्डा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, पंजाब में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, विवेक तन्खा मौजूद थे।

मंत्रिमंडल में ऐसे हो सकता है क्षेत्रीय संतुलन

कमलनाथ मंत्रिमंडल के गठन में वरिष्ठता, क्षेत्रीय संतुलन और जातिगत समीकरण का ध्यान रखा जा सकता है। उप मुख्यमंत्री को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। 20 से ज्यादा विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने पर मंथन चल रहा है।

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